Jis Ki Aaghosh Mein Hum Roz Mila Karte TheJis ki aaghosh mein hum roz mila karte theAb wahi sham har ek sham sada deti hai
जाने क्यूँ आजकलजाने क्यूँ आजकल, तुम्हारी कमी अखरती है बहुयादों के बन्द कमरे में, ज़िन्दगी सिसकती है बहुपनपने नहीं देता कभी, बेदर्द सी उस ख़्वाहिश कमहसूस तुम्हें जो करने की, कोशिश करती है बहुदावे करती हैं ज़िन्दगी, जो हर दिन तुझे भुलाने ककिसी न किसी बहाने से, याद तुझे करती है बहुआहट से भी चौंक जाए, मुस्कराने से ही कतरामालूम नहीं क्यों ज़िन्दगी, जीने से डरती है बहुत
Ek lafz hai(MOHABBAT)isse kar k dekho tum tadap na jao to kahna!Ek lafz hai (MUQADDAR)isEk lafz hai(mohabbat)isse kar k dekho tum tadap na jao to kahna!ek lafz hai (muqaddar)is se lad ke dekho tum haar na jaotoh kahnaEk lafz hai (wafa)zamane main nahi milti..Kahindhoond pao to kahnaEk lafz hai (aansu)dil main chupa kar dekho.Tumhari aankhon se na nikle tokahnaEk lafz hai (judaai)isse shah kar toh dekho..Tumtoot ke bikhar na jao toh kahnaEk lafz hai (khuda)usse dil se pukar kar dekho sabkuch paa n
कल तक चाँद का दाग समझते थे जिसेकल तक चाँद का दाग समझते थे जिसे..गौर से देखा तो अकेलेपन का दर्द निकला...
दर्द का एहसास जानना है तो प्यार करके देखोदर्द का एहसास जानना है तो प्यार करके देखोअपनी आँखों में किसी को उतार कर देखोचोट उनको लगेगी आँसू तुम्हें आ जायेंगेये एहसास जानना हो तो दिल हार कर देखो
मुझे बहुत प्यारी हैमुझे बहुत प्यारी हैतुम्हारी दी हुई हर एक निशानी.."चाहे वो दिल का दर्द हो, या....आँखों का पानी...